Pushpa Sisodiya
Selected Post - RAS, 13th Rank in RAS-2013
पुष्पा सिसोदिया D/o श्री भैंरु सिंह सिसोदिया, गाँव- देपुर (जिला-राजसमन्द)
W/o डॉ. शक्ति सिंह रावलोत, गाँव-सत्तॊ (जिला-जैसलमेर)
Education-
कक्षा 10th - 72%
12th - 64 %
B.Sc - 74 %
M.Sc- 66 %
भूपाल नोबल्स कॉलेज, उदयपुर (MLSU)
इस परीक्षा की तैयारी की तरफ आपका आकर्षण क्यों हुआ ? कोई विशेष कारण या Turning Point ?
पुष्पा सिसोदिया - कॉलेज के दिनों से ही ही सिविल सेवा क्षेत्र के प्रति आकर्षण था लेकिन उसी दौरान दिसम्बर 2001 में मेरा विवाह हो गया और विवाह के पश्चात एकाएक आई जिम्मेदारियों के चलते में कभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाई । पारिवारिक व बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच निजी विधालय में शिक्षण कार्य मुझे सुविधाजनक लगा लेकिन क्योंकि मेरा जूनून लोक सेवाओं के प्रति ही था इसलिए जून 2013 में मैंने साहस एकत्र किया और बिना किसी को जानकारी दिये RAS का फॉर्म भरा । उस वक़्त मन कई आशंकाओं से भरा था लेकिन यदि हमारे संकल्प दृढ़ हैं तो निश्चित तौर पर परिस्थितियां हमारे अनुकूल हो जाती हैं और इस प्रकार मुझे अपने परिवार का साथ मिला और वे मेरी सफलता की यात्रा में मेरे पूर्ण सहयोगी बने । पारिवारिक जिम्मेदारियों को साझा करने में मेरे पति का पूरा योगदान रहा ।
तैयारी आरम्भ करने के बाद अब तक का सफर कैसा रहा ?
पुष्पा सिसोदिया - जुलाई 2013 से मैंने अपनी तैयारी आरम्भ की और मात्रा चार माह की तैयारी से RAS-Pre परीक्षा क्वालीफाई करना मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय था लेकिन उसके तुरंत पश्चात परीक्षा परिणाम का निरस्त कर दिया जाना निराशाजनक अवश्य था लेकिन मैंने उन परिस्थितियों को अपने लिए एक अवसर के रूप में देखा तथा दृढ़संकल्पित होकर निरंतर अपनी तैयारी को जारी रखा । तथा इस 4 वर्ष की सम्पूर्ण प्रक्रिया में अपने आप को हर उस निराशावादी सोच से दूर रखा जो मेरे संकल्प को प्रभावित कर सकती थी ।
इस सफलता से पहले की सफलताओं या असफलाओं का जिक्र ?
पुष्पा सिसोदिया: शादी के बाद किसी सरकारी सेवा के लिए आवेदन नहीं किया था लेकिन शादी के 13 वर्षों बाद परीक्षा की तैयारी का विचार स्वतः ही आशंकाएं भी पैदा करता है कि "क्या इतने विस्तृत पाठ्यक्रम को समझने की क्षमता है मुझमें ?"; "क्या ऐसा कर पाना संभव होगा ? "
पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अपनी तैयारी को लम्बे समय तक जारी रखना संभव नहीं था इसलिए स्वयं से यह संकल्प लिया कि अपने "प्रथम प्रयास को ही अंतिम प्रयास" बनाना है और असफलता के भाव से स्वयं को दूर रखा ।
आपकी इस सफलता में कौनसे पहलु नींव के पत्थर साबित हुए ? किनका योगदान विशेष रहा ?
पुष्पा सिसोदिया: इस सफलता में, मैं सबसे बड़ा योगदान अपने दृढ़ संकल्प का ही मानती हूँ क्योंकि इस 4 वर्ष की संघर्ष यात्रा में कई पारिवारिक परिस्थितियाँ विचलित कर देने वाली थी और उस दौरान अपने आपको दृढ़ संकल्पित रखना ही सबसे बड़ी चुनौती थी ।
मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान निर्मल गहलोत सर व 'उत्कर्ष संस्थान' के शिक्षकों का मार्गदर्शन मिला इसके अतिरिक्त 'स्प्रिंगबोर्ड संस्थान' की 'test series' अत्यंत प्रभावशाली रही जिसमें मनोहर सिंह महेचा सर का पूर्ण मार्गदर्शन मिला ।
कितने घंटे पढते थे व आपके अनुसार एक सामान्य विद्यार्थी को इस परीक्षा में सफल होने के लिए कितने समय की पढाई दैनिक रूप से अवश्य करनी चाहिए ?
पुष्पा सिसोदिया: मेरे बच्चों के स्कूल जाने के बाद मेरी पढाई शुरू होती थी, उस दौरान समय का सदुपयोग करती तथा उसके पश्चात घर के कार्यों के दौरान जो भी समय मिल जाता, वही मेरी पढाई का समय होता इस प्रकार दिन में कभी 6-7 घंटे तो कभी 7-8 घंटे मैं manage कर पाती ।
मेरे अनुसार पढाई के घंटे अधिक महत्व नहीं रखते हैं, अधिक महत्व रखता है तो वह है आपका 'concentration level' ।
पूरी तरह से 'focus study' ही आपको परिणाम दिला सकती है ।
अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?
Ans.- परीक्षा की तैयारी के प्रारंभ करते समय मैंने अपने लिए कोई बैकअप प्लान नहीं रखा क्योंकि प्रथम मैं बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा के साथ बढ़ रही थी। द्वितीय यह है कि जहां विकल्प अधिक होते हैं, वहां कभी संकल्प नहीं बनते।अत: विफलता का विचार मस्तिष्क में दूर-दूर तक नहीं था
बहुत से लोग आरक्षण की वजह से अपना मनोबल बहुत कम कर लेते हैं और मेहनत ही नहीं करते उनके लिए क्या कहना चाहते हैं ?
पुष्पा सिसोदिया: सपने सदैव बड़े देखें, क्योंकि उस राह में छोटे सपने तो सध ही जाते हैं । लेकिन बड़े सपनो के अनुपात में आपके संकल्प और प्रयास भी बड़े होने चाहियें । यदि आप दृढ़ संकल्पित हैं और कठिन प्रयासों के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो आरक्षण एक 'secondary issue ' बन जाता है । लेकिन प्राथमिक शर्त यही है कि आप हर प्रकार के भटकाव से बचें व लक्ष्य से अपना ध्यान न हटाए ।
RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?
(1) कक्षा -9th से 12th - राजस्थान अध्ययन
(2) कक्षा 9 से 12 एनसीईआरटी की पुस्तकें
(3) भारतीय अर्थव्यवस्था रमेश सिंह tmh पब्लिकेशन
(4) भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत tmh पब्लिकेशन
(5) राजस्थान का भूगोल एल आर भल्ला
(6) राजस्थान की अर्थव्यवस्था नाथूरामका
(7) प्रबंधन व नीतिशास्त्र- राजेंद्र पेंसिया
(8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश
(9) अंग्रेजी- रस्तोगी
(10) reasoning & maths-R.S.अग्रवाल
* उत्कर्ष व स्प्रिंगबोर्ड संस्थान के नोट्स एवं योजना तथा दृष्टि
कुछ विचार अपनी मर्जी से जो भी आप शेयर करना चाहें । अपने संघर्ष के बारे में ? या तैयारी के तरीकों के विषय में ? अध्यात्म के विषय में ? आपकी अपनी रूचियों के विषय में ? अपनी अच्छी बुरी आदतों के विषय में ?
पुष्पा सिसोदिया - जीवन के संघर्षों से कभी घबराएं नहीं, ईश्वरीय परमसत्ता में विश्वास रखें, उसने आपके जीवन में कुछ अच्छे के लिए ही सोचा होगा, ऐसी सकारात्मक विचार व ऊर्जा के साथ आगे बढ़ें । नकारात्मक विचार व व्यक्तियों को अपने जीवन में प्रवेश न दें । प्रतियोगी परीक्षा हो या जीवन, अपने धैर्य व दृढ़ संकल्प शक्ति को सदैव जीवंत बनाये रखें । स्वयं को इतने सक्षम बनायें कि आप दूसरों के जीवन में मूल्यपरक व सकारात्मक बदलाव के वाहक बन सकें ।
शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें लेकिन बौद्धिक पक्ष को भी निरंतर 'nourish' (पोषित) करें व इसे प्रबल बनायें ।
RAS (2013) Marks
Paper I - 108
Paper II - 115
Paper III - 88
Paper IV - 101
Interview - 77
Total - 489